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हलासन (Plough Pose)

इस आसन को ये नाम किसान के हल के समान आकृति होने के कारण मिला है, जो मिटटी को खेती से पहले खोदने के काम आता है।
पार्श्व हलासन हलासन की आगे की स्थिति है।

हलासन कैसे करें

  • अपनी भुजाओं को अपने बगल में रखकर पीठ के बल लेट जाएँ।
  • श्वास लेते हुए अपनी पेट के मांसपेशियों के बल पर अपने पैर को फर्श से 90 डिग्री तक ऊपर उठायें।
  • श्वास लेते छोड़ते हुए अपने कुलहो और पीठ को अपने हाथों की सहायता फर्श से ऊपर उठायें।
  • अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर से होते हुए 180 डिग्री के कोण तक ले जाकर पीछे फर्श पर लगायें। आपकी पीठ फर्श पर लम्बवत रहे। ऐसा करना आरंभ में कठिन होगा लेकिन कुछ सेकंड्स तक करें।
  • इसी मुद्रा में कुछ क्षण तक विश्राम करें और स्थिर श्वास लेते छोड़ते रहें।
  • लगभग एक मिनट (आरम्भ में कुछ सेकंड्स ही) इस मुद्रा में विश्राम करें, फिर धीरे धीरे अपने पैर वापस लाकर श्वास छोड़ दें।

हलासन के लिए टिप्स

  • इस आसन को धीमे धीमे और सहजता से करें। आपकी गर्दन पर ज्यादा जोर ना पड़े।
  • अपनी पीठ की कंधो से सहायता दें और कंधो को उठाकर कान के पास ले कर आयें।
  • जब अपना शरीर वापस लायें तो किसी प्रकार का झटका ना लगे।

हलासन के ५ लाभ

  • गर्दन, कन्धों, पेट और पीठ की मांसपेशियां खुलकर सुदृढ़ होती हैं।
  • तंत्रिका तंत्र को विश्राम मिलता है और तनाव तथा थकान मिटती है।
  • पैर की मांसपेशियों को बल और लचीलापन मिलता है।
  • थाइरोइड ग्रंथि को सहायता मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  • महिलाओं को रजो निवृति में सहायता मिलती है।

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