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अनुलोम विलोम यानि नाड़ी शोधन प्राणायाम के मुख्य प्रकारों में से एक है। यह बहुत महत्वपूर्ण और फ़ायदेमंद प्राणायाम है। अन्य प्राणायाम की तरह इसमें भी सांस ली और छोड़ी जाता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम तीन शब्दों से मिलकर बना है जिसमें अनुलोम का अर्थ है दाईं नासिका और विलोम का मतलब है बाईं नासिका और प्राणायाम का मतलब होता है सांस लेना। तो इस आसन का मतलब होता है दाईं और बाईं नासिका से सांस लेना और छोड़ना।
वहीं, नाड़ी शोधन प्राणायाम का नाम तीन शब्दों से मिलकर बना है- नाड़ी मतलब शरीर के उर्जा चैनल और शोधन मतलब शुद्ध करना और प्राणायाम मतलब सांस लेना। नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास करने से नाड़ियों को शुद्ध करने में मदद मिलती है और यह शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है।
तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली, टॉक्सिन्स या अन्य किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण शरीर में नाड़ी यानि एनर्जी चैनल्स ब्लॉक हो सकते हैं जिसके कारण आपको थकान, आलस, सुस्ती आदि महसूस होती है। अनुलोम विलोम केअभ्यास बंद नाड़ियों को खोलने और दिमाग को शांत करने में मदद करता है।
इस प्राणायाम का अभ्यास आप हर रोज सुबह योग करते वक्त शुरुआत में कर सकते हैं। सभी प्राणायाम का अभ्यास योगा सेशन की शुरुआत में ही योगासन के अभ्यास से पहले किया जाता है। इसका अभ्यास हर रोज सुबह 15 मिनट करने से खून साफ होता है और खून मे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
अनुलोम विलोम के फायदे
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