8.00AM - 8.00PM

Mon - Sat

+91 81076 27788

For Appointment

भ्रामरी प्राणायाम (Humming Bee Breath)

भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका: इस आसान को सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय करना अच्छा होता है। इस आसन को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानो के पास लाएं और दोनों हाथों के अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। अब दोनों हाथो की तर्जनी उंगली को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर रखें। भ्रामरी प्राणायाम के दौरान ध्यान रखें की मुंह बंद रहे और नाक से सांस लें। अब नाक से मधुमक्खी की तरह गुनगुनाएं और सांस बाहर छोड़ें। सांस छोड़ते हुए ओउम का उच्चारण करें। सांस अंदर लेने में करीब 3-5 सेकंड और भ्रमर ध्वनी के साथ बाहर छोड़ने में करीब 15-20 सेकंड का समय लगता है। करीब तीन मिनट में 5-7 बार भ्रामरी प्राणायाम किया जा सकता है।

भ्रामरी प्राणायाम के फायदे:

– तनाव कम करने और मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत ही लाभदायक होता है। इसके अलावा में आत्मविश्वास की भावना बढती है और नियमित अभ्यास से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं।

– इस प्राणायाम से अनिद्रा, क्रोध, चिंता दूर तो होती ही है वहीं सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इन सभी रोगों से छुटकारा पाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम सबसे बेहतर प्राणायाम है इसके नियमित अभ्यास से हम इन सभी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।

– हाई ब्लडप्रेशर रोगियों के लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत ही उपयोगी माना जाता है। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है उन लोगों के लिए भी भ्रामरी प्राणायाम काफी लाभकारी होता है।

– थायरोइड समस्या से पीड़ित व्यक्ति को लाभ मिलता है। हाइपोथायराइडिज्म ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें थायराइड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन कम मात्रा में बनने लगता है, ऐसी स्थिति में भी यह योगासन काफी लाभदायक होता है।

– माइग्रेन और साइनोसाइटिस से पीड़ितों के लिए भी यह प्राणायाम लाभदायक है। इसके नियमित अभ्यास से मस्तिष्क में रक्त जमाव की स्थिति में राहत मिलती है और बेवजह सिरदर्द के शिकार को इस प्राणायाम का अभ्यास करके हम इस बिमारी से छुटकारा मिल सकता है।

Related Post

Leave a comment